सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि दोषियों को दो हफ्ते के अंदर जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा और उम्र कैद की सजा काटनी होगी. न्यायालय ने कहा कि दोषियों को सजा में छूट देने का गुजरात सरकार का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया. शीर्ष न्यायलय ने कही कि अगर सजा में छूट चाहिए तो माहाराष्ट्र सरकार से संपर्क कर सकते हैं.
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