.. new offer for u....

Monday, 10 January 2022

shraddhanjali

UP Assembly Election : आंकड़ों से साबित होता है कि मोदी-शाह (Modi-Shah) के नेतृत्व वाली नई भाजपा को ‘सवर्णों की पार्टी’ कहना क्यों गलत है. क्योंकि हकीकत इसके ठीक उलट है. भाजपा ने 2013 से 2019 के बीच इस मामले में काफी काम किया है. उसने न सिर्फ अपने सामाजिक-समर्थन का दायरा बढ़ाया है, बल्कि संगठन में भी ओबीसी वर्गों को भरपूर जगह दी है. केंद्रीय भूमिकाएं दी हैं. इस सोशल-इंजीनियरिंग का ही कमाल है कि आज 54.5% ओबीसी और 20.7% एससी आबादी वाले उत्तर-प्रदेश में दूसरी तमाम पार्टियों से इस मामले में काफी आगे दिख रही है.

from Latest News देश News18 हिंदी https://ift.tt/3zIFv1i

No comments:

Post a Comment