दिल्ली वक्फ बोर्ड ने कोर्ट की टिप्पणी पर दलील दी है कि इमाम और मुअज्जिनों को सरकार की ओर से नहीं, बल्कि बोर्ड की तरफ से सैलरी दी जाती है. वक्फ बोर्ड एक स्वायत्त संस्था है. उन्होंने ये इमाम सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां भी करते हैं. मस्जिद के भीतर गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का भी इंतजाम देखते हैं. इसलिए, उन्हें सैलरी दी जाती है.
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