मैं नौकरी बचाने के डर से उसके आवास पर चली गई. वहां उसने मुझे कॉफी पीने के लिए दिया. मैं सोफे पर बैठकर कॉफी पी रही थी. कॉफी पीने के बाद मैं सोफे पर ही बेहोश होकर लेट गई. जब मुझे होश आया तो मैं थानेदार के पलंग पर बिना कपड़ों के थी. मैं खुद को देखकर रोने लगी... ये शब्द उस महिला दारोगा के हैं जिन्होंने एक थानेदार पर ये आरोप लगाए हैं. पूरी कहानी पढ़िये.
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