Delhi High Court: न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने अपने फैसले में कहा, 'अधिनियम की भाषा या इसके प्रावधानों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह बताता हो कि कामकाजी गर्भवती महिला को उनके रोजगार की प्रकृति के एकमात्र कारण के राहत प्राप्त करने से रोक दिया जाएगा.' अदालत ने कहा कि मातृत्व लाभ केवल एक नियोक्ता और कर्मचारी के बीच वैधानिक अधिकार या संविदात्मक संबंध से उत्पन्न नहीं होते हैं, बल्कि एक महिला की पहचान का एक मौलिक और अभिन्न अंग हैं जो परिवार शुरू करने और एक बच्चे को जन्म देने का विकल्प चुनती है.
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